-राजस्थान मंे बाड़मेर जिले के श्रमिकांे की सर्वाधिक औसत मजदूरी 211 रूपए।
बाड़मेर, 08 अप्रैल। देश मंे महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वर्ष 2021-22 के दौरान ग्रामीण इलाकांे मंे 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने मंे बाड़मेर जिले ने द्वितीय स्थान हासिल किया गया है। जबकि ओडिशा का गंजाम जिला रोजगार उपलब्ध करवाने मंे देश मंे प्रथम स्थान पर रहा है। इधर,जिला प्रमुख महेन्द्र चौधरी एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक लोकबंधू ने बाड़मेर जिले की मनरेगा टीम को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाने मंे पूरे देश मंे द्वितीय स्थान हासिल करने पर बधाई दी है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर लोकबंधू ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे 1 लाख 21 हजार 161 परिवारांे को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया। इसकी बदौलत बाड़मेर जिला रोजगार उपलब्ध करवाने मंे पूरे देश मंे द्वितीय स्थान पर रहा। उनके मुताबिक नागौर जिला 1 लाख 14 हजार 295 परिवारांे को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाकर देश मंे तीसरे स्थान पर रहा है। जिला कलक्टर लोकबंधू के मुताबिक महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत बाड़मेर जिले मंे वर्ष 2021-22 के दौरान 4 लाख 98 हजार 508 परिवारांे को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हुए प्रदेश मंे सर्वाधिक 3 करोड़ 75 लाख 65 हजार 769 मानव दिवस सृजित किए। इसमंे से 1 लाख 21 हजार 161 परिवारांे ने 100 दिवस पूर्ण किए, जो पूरे प्रदेश मंे सर्वाधिक है। जिला कार्यक्रम समन्वयक लोकबंधू के मुताबिक बाड़मेर जिले मंे वर्ष 2021-22 के दौरान औसत मजदूरी दर 211 रूपए प्रतिदिन रही है। यह औसत मजदूरी दर भी राज्य मंे सर्वाधिक है। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे वर्ष 2021-22 के दौरान 44 हजार 152 नए कार्य स्वीकृत किए गए। इसके अलावा प्रगतिरत कार्याें मंे से 44 हजार कार्य पूर्ण करवाते हुए 1174 करोड़ इसमंे से श्रम मद मंे 789 करोड़ तथा सामग्री मद मंे 376 करोड़ रूपए खर्च हुए है। जो कि राज्य के कुल व्यय का लगभग 21 प्रतिशत है। रतनू ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार बाड़मेर जिले मंे मनरेगा कार्य स्थलों पर एनएमएमएस एप्प के जरिए श्रमिकांे की आनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा जिला कार्यक्रम समन्वयक, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा कार्यक्रम अधिकारी स्तर पर एरिया एक्शन एप्प के जरिए आनलाइन निरीक्षण संपादित किए जा रहे है। उल्लेखनीय है कि ओडिशा का गंजाम जिला 1 लाख 29 हजार 284 परिवारांे को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाकर देश मंे प्रथम स्थान पर रहा है ।
लॉक डाउन मंे आमजन को मिली राहतः वर्ष 2020-21 के दौरान देश भर मंे लॉक डाउन लगने पर भारी तादाद मंे प्रवासी श्रमिक बाड़मेर लौटे थे। इसकी वजह से मनरेगा मंे रोजगार की मांग बढ़ गई। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने से उनको खासी राहत मिली।
स्थाई परिसपंतियांे का सृजनः बाड़मेर जिले मंे महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत बड़ी तादाद मंे स्थाई परिसंपतियांे का सृजन हुआ है। ग्रेवल सड़कांे के निर्माण से आवागमन सुगम हुआ है। वहीं टांका निर्माण होने से बारिश के पानी के संग्रहण के साथ ग्रामीणांे को पेयजल संकट से राहत मिली है।
सीईओ खुद करते है श्रमिकांे को प्रेरितः अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक मोहनदान रतनू कई मर्तबा मनरेगा साइट पर स्वयं फावड़े से मिटटी की खुदाई कर श्रमिकांे को कार्य करने के लिए प्रेरित करते है। इसके अलावा उनकी ओर से समझाइश की जाती है कि श्रमिकांे की ओर से निर्धारित टास्क पूरी करने पर ही निर्धारित मजदूरी मिल पाएगी।
