चंदिगढ: अनुराग ठाकुर ने यह बात कही है कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए, उन्होंने बताया कि कई पड़ोसी देशों के हजारों दलित परिवार अब भारत में रह रहे हैं। और नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने सुनाया,
“क्या विपक्षी दलों के लिए मानवता मर गई है? प्रताड़ित शरणार्थी हिंदू परिवार कहां जाएंगे? उन्हें शादी के लिए मजबूर किया जाता है और धर्म परिवर्तन का सामना करना पड़ता है।” ‘पड़ोसी देशों के हजारों दलित परिवार, जिनकी दो से तीन पीढ़ियां गुजर चुकी हैं, वर्षों से नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं.’
उनका मत है कि यह कानून इन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह कानून नागरिकता प्राप्ति के लिए नए कठिनाई रोकेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
सी ए ए के बारे मे संक्षिप्त मे कुछ सामान्य जानकारी: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) क्या है? सीएए, जिसे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 भी कहा जाता है, भारत सरकार द्वारा 11 दिसंबर 2019 को पारित एक कानून है। यह कानून 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करता है। मुख्य बिंदु:केंद्र सरकार अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के छह समुदायों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – के उत्पीड़ित प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू करेगी। यह कानून 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करता है। इस कानून के तहत नागरिकता प्राप्त करने के लिए, प्रवासियों को यह साबित करना होगा कि वे धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देशों से भाग गए थे। यह कानून नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करता है।
विवाद: सीएए के पारित होने के बाद, भारत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। आलोचकों का तर्क है कि यह कानून भेदभावपूर्ण है और भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र का उल्लंघन करता है।विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि सीएए की अधिसूचना के साथ, भाजपा समाज को विभाजित करने और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले माहौल का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है।
वर्तमान स्थिति: सीएए अभी भी लागू नहीं हुआ है। सरकार अभी भी इस कानून के नियमों को तैयार कर रही है।
अनुराग सिंह ठाकुर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री हैं। वह हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से चौथी बार संसद सदस्य (लोकसभा/निचले सदन) हैं। यह एक भाजपा का संकल्प पुर्ती की तरफ बडा कदम है ऐसा उन्होंन बताया। चंदिगढ मे आयोजित एक समारंभ के दौरान उन्होने ये बयान जारी किए।