रिपोर्टर :- चरणजीत बंजारा
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के समाजसेवी पन्ना विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार रामबिहारी गोस्वामी ने जानकारी देते हुए कहा कि जिस तरीके से विधायक एवं सांसद को सदस्यता लेने के बाद ही पेंशन पाने का अधिकार प्राप्त हो जाता है । उसी प्रकार से 30 से 40 वर्ष तक शासकीय सेवा करने वाले कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन जारी की जाए। समाजसेवी श्री गोस्वामी ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारों द्वारा कर्मचारियों का शोषण करके अपने निजी स्वार्थों को हमेशा साधा जाता है । आज संविदा भर्ती करके युवाओं का शोषण किया जा रहा है जो कि नीति संगत नहीं है। इसलिए संविदा कर्मचारियों की जगह पर सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके साथ ही जो ठेका पद्धति सरकार द्वारा छोटे गरीब लोगों के साथ अपना दी गई है वह ठेका पद्धति शीघ्र समाप्त की जाए और ठेके की जगह पर सफाई कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जाए । ताकि मध्यम एवं गरीब परिवार का शोषण ना हो सके। समाजसेवी श्री गोस्वामी ने कहा कि जो भी सरकारें आती हैं कभी भी उनके द्वारा विधायक एवं सांसदों की वेतन वृद्धि को लेकर विरोध नहीं किया जाता है। मगर जो कर्मचारी 35 साल 40 वर्ष शासकीय सर्विस करने के बाद सेवानिवृत्त होते हैं । उनकी पेंशन बंद कर दी गई है । जिससे आज कर्मचारी अपनी वृद्धावस्था को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। समाजसेवी श्री गोस्वामी ने कहा कि यदि कर्मचारियों को 30 से 40 साल सेवाएं देने के बाद भी पेंशन सरकार उपलब्ध नहीं कराती है तो ऐसे में फिर जो 1 दिन विधायक बनने के बाद सदस्यता प्राप्त करता है और 5 साल बाद ही कुर्सी से उतर जाता है ऐसे विधायक सांसदों को भी पेंशन सुविधा से पृथक किया जाए और यदि विधायक सांसदों को पेंशन सरकार द्वारा दी जा रही है तो फिर शासकीय कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन दी जाए । इसके साथ ही श्री गोस्वामी ने कहा कि जो संविदा कर्मचारी हर विभाग में नियुक्त किए गए हैं उनको संविदा की जगह पर नियमित किया जाये। इसके साथ ही जगह जगह पर सफाई कर्मचारी एवं चपरासियों को ठेका पद्धति में नियुक्त किया गया है। उनको ठेकेदारों से पृथक कर नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। ताकि उन्हें शासन द्वारा प्राप्त सभी लाभ प्राप्त हो सके। श्री गोस्वामी ने कहा कि यदि सरकार द्वारा कर्मचारियों की जायज मांग को लेकर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में देश में इसको लेकर बड़ा असंतोष उत्पन्न होगा और लोग सड़कों पर उतर कर अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
