कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी बी वराले ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली।प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड ने उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति वराले को पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति वराले को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने की मंजूरी केन्द्र ने बुधवार को दी थी।
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) समेत न्यायाधीशों की संख्या बढ़कर 34 हो गई, जो कि कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या है। इस महीने की शुरुआत में न्यायमूर्ति वराले के नाम की सिफारिश की गई थी। उन्हें उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीशों में से एक माना गया है, और वह अनुसूचित जाति से हैं। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय में अन्य दो न्यायाधीश भी अनुसूचित जाति से हैं। यह नियुक्ति एक सप्ताह के भीतर ही की गई। पिछले महीने न्यायमूर्ति के कौल की सेवानिवृत्ति के बाद एक पद रिक्त हो गया था।
कानून मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत प्रदत्त की गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पी बी वराले को भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करते हुए प्रसन्नता महसूस हो रही है।
न्यायमूर्ति वराले (जन्म 23 जून 1962 )को 18 जुलाई, 2008 को बंबई उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्हें 15 अक्टूबर 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।