Japan: भारतीय विदेश मंत्री जापान दौरे पर हैं। एस जयशंकर शुक्रवार को निक्केई फोरम (NIKKEI FORUM)में शामिल हुए। भारत-जापान विशेष रणनीतिक साझेदारी पर जयशंकर ने कहा ” परिषद में भारत और जापान को वैसा ही स्थान देने की जरूरत है, जिसके वे हकदार हैं। “भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर छह से आठ मार्च तक जापान दौरे पर हैं। वह अपने जापानी समकक्ष योको कामिकावा के साथ 16वीं भारत-जापान विदेश मंत्री रणनीतिक वार्ता के लिए यहां पहुंचे हुए हैं।
भारत के बारे मे भी उन्होने अपने विचारप्रकटकिए, ‘अगर दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश और कुछ बड़े संसाधन मुहैया कराने वालों को संयुक्त राष्ट्र से बाहर रखा जाता है तो यह संगठन के लिए अच्छा नहीं होगा। इसलिए हम चाहते हैं कि इसका जल्दी अहसास हो।’
उन्होंने स्पष्ट शशब्दों मे सुनाया की, संयुक्त राष्ट्र की जब स्थापना हुई थी, तब करीब 50 सदस्य देश थे। जबकि आज 200 सदस्य देश हैं। इसलिए अधिकतर इस बात को समझते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बहुत आवश्यकता है।
‘अगर किसी संगठन में चार गुना सदस्य बढ़ जाते हैं तो उस संगठन का नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता समान नहीं रह सकती है।’ उन्होंने आगे कहा कि आज दुनियाभर में कई जरूरी मुद्दे हैं, लेकिन इनमें संयुक्त राष्ट्र वह भूमिका नहीं निभा रहा है जो इसे निभानी चाहिए।’
बदलाव जरूर और संभव है इस विषय मे परराष्ट्र मंत्ऐरी जी ने कहा की, ऐसा नहीं है कि पहले कभी बदलाव नहीं हुए। यहां बदलाव हो चुका है। सुरक्षा परिषद का एक बार विस्तार किया गया ताकि अधिक से अधिक अस्थायी सदस्यों को लाया जा सके। हम जानते हैं कि बदलाव आएगा। हम जानते हैं कि सुरक्षा परिषद में बदलाव होगा। असली मुद्दा यह है कि यह कब आता है, इसमें कितना समय लगेगा और यह किस रूप में होगा।‘