शाहजहाँपुर – उमाकान्त ( लाला पत्रकार )
: – जिलाधिकारी श्री अमृत त्रिपाठी की अध्यक्षता में कन्या सुमंगला योजना एवं बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के सम्बन्ध में विकास भवन सभागार में बैठक आहूत की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। प्रदेश सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना को लागू कर दिया गया है। कन्या सुमंगला योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, सामान्य लैंगिक अनुपात स्थापति करना, बाल विवाह, कुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ व शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करना, बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत लाभार्थी की पात्रता इस प्रकार होनी चाहिए कि लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेष का निवासी हो तथा उसके पास स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, राशनकार्ड , आधार कार्ड , वोटर पहचान पत्र, विद्युत, टेलीफोन का बिल आदि मान्य होगा। लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू0-3.00. लाख हो। किसी भी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। लाभार्थी के परिवार में अधिकतम दो बच्चियाँ हों। उन्होनंे कहा कि किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है व द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकायें ही होती हैं तो ऐसी अवस्था में तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। उन्होंने कहा कि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप में गोद ली गयी संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाएॅ इस योजना की लाभार्थी होंगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि सुकन्या योजना को छः श्रेणियों में लागू किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी का वर्गीकरण तथा उनके लिए धनराषि वितरण इस प्रकार है कि प्रथम श्रेणी में, बालिका के जन्म होने पर रू0 2000 एक मुष्त, द्वितीय श्रेणी में, बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त रू0 1000 एक मुश्त , तृतीय श्रेणी में, कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू0 2000 एक मुश्त , चतुर्थ श्रेणी में, कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू0 2000 एक मुश्त , पंचम श्रेणी में, कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू0 3000 एक मुश्त , षष्टम् श्रेणी में, ऐसी बालिकाएॅ जिन्होंने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 02 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो, रू0 5000 एक मुश्त धन राशि दी जायेगी।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि लाभार्थी को योजना के अन्तर्गत देय धन राशि , पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से उसके बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी। लाभार्थी के अवयस्क होने की दशा में देय धन राशि लाभार्थी की माता के बैंक खाते में और माता की मृत्यु होने की स्थिति में पिता के बैंक खाते में माता व पिता दोनों की मृत्यु होने पर अभिभावक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। लाभार्थी के वयस्क होने की दशा में देय धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि माता, पिता की मृत्यु होने की दशा में मृत्यु प्रमाण-पत्र साक्ष्य के रूप में संलग्न करना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक रूप में आवेदन आॅनलाइन माध्यम से स्वीकार किये जाएगें। यद्यपि ऐसे आवेदक जो आॅनलाइन माध्यम से आवेदन करने में सक्षम नहीं हैं वे अपने आवेदन आॅफलाइन माध्यम से भी खण्ड विकास अधिकारी, उपजिलाधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा करा सकेंगे। आवेदन पत्र का प्रारूप विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध होगा।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर जनपद की गर्भवती महिलाओं का रिकार्ड प्राप्त करने के साथ-साथ 01.04.2019 से लागू इस योजना के तहत जिन बच्चियों का जन्म हुआ है उन पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत सम्बन्धित को निर्देश दिये कि गर्भवती महिलाओं के घर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का स्लोगन लिखा जाए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का स्लोगन स्कूलों में भी लिखा जाना सुनिष्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री महेन्द्र सिंह तंवर, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री ज्योति शाक्य , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राकेश कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।