पन्ना;’ जबलपुर हाई कोर्ट का फैसला पवई विधायक पहलाद लोधी की सजा पर स्थगन
7 जनवरी तक के लिए अंतरिम राहत दी है 7 जनवरी को सजा की अपील पर फाइल सुनवाई करेगा न्यायालय विधायक की बची
माननीय विष्णु प्रताप सिंह चौहान की अदालत से आया फैसला
पवई विधायक के पक्ष में पूर्व महादेव अध्याय रवि नंदन सिंह और पुष्पेंद्र कौरव ने की थी तीखी बहस
औ न्यायालय ने कल रख लिया था फैसला सुरक्षित गण के बाद पहला लोधी की बजे विदाई की
कोई विधायक पहलाद लोधी को बहुत बड़ी राहत मिली है और भाजपा भी सुकून महसूस कर रही है क्योंकि विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 7 जनवरी तक अंतिम इस दिन आदेश दे दिया है अब 7 जनवरी को इसकी सुनवाई कर फैसला लिया जाएगा विधायकी खत्म होने के इस बड़े निर्णय से भाजपा में हड़कंप का माहौल था
फैसला आने के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए जिला अध्यक्ष शतानंद गौतम ने खुशी जाहिर की है और पवई विधायक पहलाद लोधी ने राहत की सांस ली
ज्ञात हो कि स्पेशल कोर्ट के फैसले के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय से भाजपा विधायक पहलाद लोधी की सदस्यता रद्द कर दी थी दरअसल स्पेशल कोर्ट ने भाजपा विधायक को 2 साल की सजा दी थी गुरुवार को सांसदों ने और विधायकों ने के मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने यह फैसला सुनाया था लुधियाना तहसीलदार की जीप को रोककर उनके साथ मारपीट की थी
पन्ना जिले के तहसील रैपुरा में आजा सिंह तहसीलदार आरके वर्मा ने 28 अगस्त 2014 को सिमरिया थाने में रेत से भरे ट्रक ट्राली को जप्त कर के थाने में खड़ा कर दिया था इसकी जानकारी जैसी भाजपा विधायक को मिली तो उन्होंने वापस लौट रहे तहसीलदार वर्मा की जीत को मंडला गांव के पास रोककर साथियों के साथ मिलकर तहसीलदार के साथ मारपीट की और गालियां दी
इस मामले में पहला लोधी सहित 12 लोगों को भोपाल की विशेष अदालत ने 2 साल की जेल और साडे ₹3000 जुर्माना की सजा विशेष अवगत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने दी थी
विधान सभा सचिवालय ने शनिवार को इस मामले की मैं कोर्ट के फैसले की रिपोर्ट मांगी थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि विधानसभा महासचिव बने आप पवई विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है
मध्यप्रदेश विधानसभा के विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा था कि पवई से विधायक पहला लोधी को स्पेशल कोर्ट ने 2 साल की सजा उनको दी गई थी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय उनके वक्त एक के अनुसार जैसे ही उनको सजा मिलती है उसी से उनकी सदस्यता तत्काल खत्म हो जाती है इस संबंध में सर्टिफाइड कॉपी मेरे सामने रखी गई तक संबंधित जानकारी राजपत्र में छपने के लिए और चुनाव आयोग को सूचित कर दिया गया है कि विधानसभा में 1 पद रिक्त हो गया है
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में मुताबिक पजेशन आपदा पीपल एक्ट के तहत 2 साल की सजा होने पर विधायक की सदस्यता रद्द की जा सकती है इसके अलावा अगले 6 साल तक संबंधित जनप्रतिनिधि को अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने से भी रोका जा सकता है यह फैसला जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस एसके मुखोपाध्याय की पीठ के जनप्रतिनिधि कानून की धारा 84 को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि दोषी ठहराए जाने की तारीख से ही अयोग्य प्रभावी होती है क्योंकि इसी धारा के तहत आपराधिक रिकॉर्ड वाले जनप्रतिनिधियों को आयुक्त से संरक्षण हासिल है
newsexpress24 के लिए चरणजीत बंजारा की रिपोर्ट