मुंबई :- राज्य मंत्रिमंडल की बैठक ने आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों को रोकने के लिए शक्ति विधेयक के प्रारूपण को मंजूरी दे दी। विधेयक में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है, साथ ही उन लोगों के लिए जो सोशल मीडिया पर महिलाओं और लड़कियों को परेशान करते हैं। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह जानकारी दी। आज कैबिनेट की बैठक में महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा की गई। उसके बाद, बिल को मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा जाएगा, देशमुख ने कहा।
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए विधेयक में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इससे पहले, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अब मृत्युदंड का प्रावधान है। देशमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि विधेयक में सोशल मीडिया पर महिलाओं या लड़कियों को परेशान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है।
महाविकास आघाडी ने केवल शब्दों पर ही नहीं, बल्कि कार्रवाई पर भी जोर दिया है। महिला और बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा पर सरकार का कदम सकारात्मक है और महिलाओं और बच्चों को बिल से लाभ होगा। महाविकास आघाडी ने शक्ति अधिनियम के माध्यम से अपना वादा पूरा किया है। बिल में एसिड अटैक और मोलेस्टेशन के अपराधों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। फोरेंसिक लैब पर प्रतिबंध का भी प्रावधान है। मंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि उनके लिए समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया था।